महाराष्ट्र की सबसे ऊँची चोटी – कलसुबाई ट्रेक | kalsubai Trek

कलसुबाई शिखर बहोत प्रसिद्ध पर्वत हैं। यह महाराष्ट्र का सबसे ऊंचा शिखर हैं। इसलिए इसे महाराष्ट्र का एवरेस्ट भी कहा जाता हैं। बहोत सारे ट्रेकिंग करने वाले लोगोंका यह पसंदीदा ट्रेक हैं। इस ब्लॉग में आपको बहोत सारी जानकारी मिल जाएगी। जैसे की कलसुबाई की ऊंचाई कितनी हैं?, कलसुबाई जाने का सबसे अच्छा समय कोनसा हैं?, कलसुबाई शिखर कोनसे जिले में हैं? इन सब प्रश्न के उत्तर आपको इस ब्लॉग में मिल जाएँगे।

Kalsubai trek

Kalsubai (Image credit : Mumbai Trekkers)

परिचय – Introduction

कलसुबाई शिखर महाराष्ट्र का सबसे ऊंचा शिखर हैं। इसलिए इसे महाराष्ट्र का ऐवरेस्ट भी कहा जाता हैं। यह अहमदनगर के अकोला जिले में स्थित हैं। यहाँ आप मुंबई, पुणे और बहोत सारी जगहों से आसानी से पोहच सकते हैं। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 1646 मीटर की हैं। यहाँ हर साल हज़ारो ट्रेकर्स यहाँ आते हैं।

कलसुबाई तक कैसे पहुँचें – how to reach kalsubai

यह शिखर अहमदनगर के अकोला तालुका स्थित हैं। यहाँ आप ट्रैन से आ सकते हो। यहाँ नजदीक का रेलवे स्टेशन इगतपुरी हैं। रेलवे स्टेशन से कलसुबाई शिखर का बेस विलेज 35 किलोमीटर की दुरी पर हैं। इस बेस विलेज का नाम बारी गांव हैं। बारी गांव आने केलिए आपको इगतपुरी रेलवे स्टेशन से सुबह 5 से 7 बजे तक बसेस मिल जाएँगी। 

आप कसारा रेलवे स्टेशन से भी बारी गांव तक आ सकते हो। आपको कसारा रेलवे स्टेशन उतरके अकोला जाने वाली कोई भी बस से आप बारी गांव तक पोहच सकते हो। कसारा रेलवे स्टेशन से बारी गांव लगभग 50 से 60 किलोमीटर की दुरी पर हैं।

अगर आप ग्रुप में आ रहे हो तो आप इगतपुरी या कसारा से सीधे बारी गांव केलिए जीप बुक कर सकते हैं। यह एक अच्छा विकल्प हैं। आप बाइक से या फोर व्हीलर से आ रहे हो तो आप गूगल मैप की मदद से बारी गांव तक आसानी से पोहच सकते हो।

कलसुबाई की कहानी – Kalsubai’s story

कलसुबाई शिखर का नाम यहाँ की एक लड़की के पड़ा हैं। जिसका नाम कलसु था। यहाँ के स्थानिक लोग कहते हैं की कलसु देवी यही पहाड़ो में रहती थी और उसे लोगोंकी मदद करना पसंद था। 

एक दिन कलसु देवी पहाड़ो पर चली गयी और वापस कभी नहीं आयी। गांव वालों ने उसकी याद में शिखर पर कलसुबाई मंदिर का निर्माण किया गया। यहाँ हर मंगलवार को कलसुबाई की पूजा की जाती हैं। 

कलसुबाई ट्रेक – Kalsubai Trek

कलसुबाई ट्रेक की शुरुवात बारी गांव से होती हैं। यह कलसुबाई शिखर का बेस विलेज हैं। बारी गांव से शिखर की दुरी लगभग 7 किलोमीटर की हैं। वहा तक पोहचने में 3 से 4 घंटे का समय लगता हैं।

आप बारी गांव से ट्रेकिंग की शुरुवात करते हुए कुछ देर चलने के बाद आपको सिडिया दिखाई देगी। वहा से आप आगे बढ़ते जाओगे तो आपको कलसुबाई का मंदिर शिखर निचे दिखाई देगा। जो लोग ऊपर शिखर तक नहीं जा सकते उन लोगोंके लिए गांव वालोंने यहाँ मंदिर बनवाया हैं। वह लोग यहाँ दर्शन ले सकते हैं।

मंदिर के दर्शन लेकर जैसे ही आप आगे बढ़ोगे तो आपको शिखर का प्रमुख गेट दिखाई देगा। जहाँ से ट्रेकिंग की शुरुवात होती हैं। यहाँ पर ट्रेकिंग की शुरुवात से ख़तम होने तक आपको छोटे छोटे फ़ूड स्टॉल दिखाई देते हैं। 

kalsubai lokhand sidi

kalsubai lokhand sidi (Image credit : Flickr)

जैसे जैसे आप आगे बढ़ते हैं वैसे पत्थर की सिडिया खतम हो जाती हैं और लोखंड की सिडियों की शुरुवात हो जाती हैं। यहाँ 4 बड़ी लोखंड की सिडिया हैं जिसे पार करने के बाद आप शिखर पर पोहच जाते हैं। यहाँ कलसुबाई का मंदिर हैं। यहाँ से आपको बहोत ही सूंदर दृश्य दिखाई देता हैं। यह यहाँ मुख्य आकर्षण हैं। 

कलसुबाई जाने का सबसे अच्छा समय – best time to visit kalsubai

यहाँ आने का सही समय है मानसून के बाद का। आप सितंबर या अक्टूबर को यहाँ आ सकते हो। इस समय यहाँ का मौसम काफी साफ़ होता हैं।

FAQ

Q. कलसुबाई शिखर कोनसे जिले में हैं?
Ans – कलसुबाई शिखर अहमदनगर के अकोला तालुका में स्थित हैं।

Q. कलसुबाई की ऊंचाई कितनी हैं?
Ans – कलसुबाई की ऊंचाई समुद्र तल से 1646 मीटर की हैं।

Q. कलसुबाई शिखर कैसे आ सकते हैं?
Ans – कलसुबाई शिखर आप रेलवे से आ सकते हो।

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