गोकर्ण के दर्शनीय स्थल (Gokarna places to visit)

गोकर्ण कर्नाटक में स्थित हैं। यह जगह हिंदू तीर्थस्थल और खूबसूरत समुद्र तटों केलिए काफी प्रसिद्ध हैं। ऐसे कहा जाता है गोकर्ण का नाम “गाय के कान” से पड़ा हैं। ऐसे कहा जाता है की यही पर भगवान शिव जी का जन्म गाय के कान से हुआ था।

यहाँ काफी सारे टूरिस्ट प्लेसेस हैं जहाँ आप घूमने जा सकते हो। यहाँ पर मुख्य आकर्षण हैं महाबलेश्वर मंदिर जो भगवान शिव जी को समर्प्रित हैं। यहाँ पर बहोत सारे महत्वपूर्ण मंदिर हैं जैसे की महागणपती मंदिर, मुरुदेश्वर मंदिर, धरेश्वर मंदिर, गुरुवंतश्वर मंदिर और सेजेश्वर शामिल हैं। 

यहाँ पर समुद्रतट भी काफी प्रसिद्ध हैं। यहाँ कुडले समुद्रतट, ओम समुद्रतट और पाराडाइज़ समुद्रतट इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और भी बढ़ाता हैं। 

प्रस्तावना

दक्षिण भारत यहाँ घूमने केलिए बहोत बेहतरीन जगहें हैं। पर अधिकतर लोगोंको इसके बारे में पता नहीं हैं। ऐसे ही एक बेहतरीन जग़ह हैं “गोकर्ण” यह कर्नाटक का बेहद खूबसूरत शहर हैं। यहाँ काफी सारे समुद्रतट, प्राचीन मंदिर हैं जिसे देखने केलिए आप यहाँ आ सकते हैं। 

गोकर्ण में आप किन जगहों पर घूम सकते हो उसकी पूरी जानकारी आपको इस ब्लॉग में मिल जाएगी। 

गोकर्ण के दर्शनीय स्थल (Gokarna places to visit)

गोकर्ण में घूमने केलिए बहोत सारे जग़ह हैं पर यहाँ हम कुछ जग़ह के बारे में देखने वाले हैं।

ओम बीच (Om beach)

गोकर्ण में बहोत सारे बेहद खूबसूरत समुद्रतट हैं। यहाँ काफी सारे सैलानी घूमने आते हैं पर सबसे ज्यादा सैलानी अगर किसी बीच पर जाते हैं या यू कहुँ किसी बीच पर अधिकतर सैलानी घूमने जाना पसंद करते हैं तोह वो बीच हैं “ओम बीच”

om beach

यह बीच ओम के आकार जैसा दीखता हैं। इसी वजह से यह सैलानी को काफी आकर्षित करता हैं। यह बीच अपने शांत वातावरण और वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी केलिए काफी प्रसिद्ध हैं। 

मिर्जान किला (Mirjan fort)

गोकर्ण में मिर्जान किला काफी प्रसिद्ध हैं। यह भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका हैं। इस किला का निर्माण नवाथ सल्तनत ने करवाया था। यह बेहद खूबसूरत ईमारत हैं। इस महल पर विजयनगर साम्राज्य ने कई वर्षों तक राज किया। 

mirjan fort

आप इतिहास में रुचि रखते हो और आपको पुराने किले, इमारते देखना पसंद हैं तो यह जगह आपको काफी पसंद आएगी। आपको यहाँ एक बार जरूर आना चाहिए।

श्री महाबलेश्वर स्वामी मंदिर (Shree mahabaleshwar swami temple)

श्री मलबालेश्वर स्वामी मंदिर गोकर्ण का सबसे प्राचीन मंदिर हैं। यह मंदिर काफी प्रसिद्ध हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्प्रित हैं। यह मंदिर द्राविड़ स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदहारण हैं। यह मंदिर बेहद सुंदर हैं।

shree mahabaleshwar mandir

यह मंदिर दक्षिण भारत के अन्य मंदिरो की तरह ही श्रद्धालु केलिए यह एक पवित्र मंदिर हैं। ऐसा कहा जाता है की इस मंदिर का उल्लेख महाभारत और रामायण में किया गया हैं। 

सनापुर लेक (Sanapur Lake)

सनापुर लेक आप प्राइवेट रिक्शा करके आ सकते हो। यह एक बहोत बड़ा लेक हैं। इसके पास एक एक्सटेंडेड लेक हैं जहाँ वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी की जाती हैं। यहाँ कोरॉयकल बोट राइड बहोत प्रसिद्ध हैं। आप इसका भरपूर आनंद ले सकते हैं। इस कोरॉयकल बोट के चार्जेस ₹150/- प्रती व्यक्ती हैं। 

यह कोरॉयकल बोट राइड काफी मजेदार होती हैं। आपको यहाँ काफी मजा आएगा। आपको यहाँ एक बार जरुर आना चाहिए। यहाँ से थोड़ी दूर आप तुंगभद्रा नदी के पास आ सकते हो। यहाँ आप क्लिप जंपिंग का मजा ले सकते हो। यहाँ पर भी आपको काफी मजा आएगा। 

चिंतामणी मंदिर / गुफाएं (Chintamani temple/Caves)

चिंतामणी मंदिर को चिंतामणी गुफाएं भी कहा जाता हैं। इस मंदिर की खास बात यह है की ऐसा कहा जाता हैं की सुग्रीव के भाई बाली का वध यहाँ हुआ था। यहाँ की पथरो पर आपको बहोत सारी चित्र दिखाई देंगे जहाँ प्रभु श्री राम, लक्ष्मण और हनुमान के बिच के चर्चाओं को दिखाया हैं। 

ऐसा कहा जाता हैं की बाली तुंगभद्रा नदी के पास तपस्या करने जाया करते थे। सुग्रीव बाली को युद्ध में हरा नहीं पा रहे थे। प्रभु राम ने सुग्रीव की मदत करते हुए बाली का अपने तीर से वध कर दिया था। ऐसा कहा जाता है की यह वही जग़ह हैं। 

मुरुदेश्वर मंदिर (Murudeshwar temple)

मुरुदेश्वर मंदिर के यहाँ भगवान शिव जी की दूसरी सबसे उची मूर्ती हैं। यहाँ ज्यादातर सैलानी इस मूर्ती को देखने केलिए आते हैं। इस मूर्ती की ऊंचाई लगभग 124 फ़ीट हैं। इस जग़ह का संदर्भ पौराणिक कथा रामायण से मिलता हैं। रावण शिव जी की आराधना करने के बाद आत्मलिंग लेकर लंका जा रहे थे तब उन्होंने उसे रास्ते में ही  रख दिया। और वही उस जग़ह पर शिवलिंग स्थापित हो गया। 

murudeshwar mandir

रावण ने उसे उठाने की कोशिश की पर शिवलिंग नहीं उठा पाया। और इस तरह से यहाँ शिवलिंग स्थापित हो गया। यह सैलानियों का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहाँ हर साल काफी सारे सैलानी दर्शन और शिव जी की मूर्ती देखने केलिए आते रहते हैं। 

गोकर्ण कैसे पोहचे

गोकर्ण गोवा और बैंगलोर से कुछी दुरी पर हैं। यह जग़ह प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं।हवाई जहाज से आप यहाँ आना चाहते हो तो आपको गोवा के डाबोलिम हवाई अड्डे पर आना है और यहाँ से आपको कैब या टैक्सी मिल जाएगी।

ट्रैन से आप आ रहे हो तो यहाँ का नजदीकी रेलवे स्टेशन अंकोला हैं। यह गोकर्ण से लगभग 20-22 किलोमीटर की दुरी पर हैं। यहाँ से आपको टैक्सी मिल जाएगी। 

यह जग़ह सड़क मार्ग से बहोत अच्छे से जुड़ा हुआ हैं। बैंगलोर, मैंगलोर, हुबली और कर्नाटक से नियमित रुप से बसेस चलती रहती हैं। 

conclusion

इस ब्लॉग में हमने गोकर्ण की खूबसूरती के बारे में, रोमांचक गतिविधियों के बारे में और समृद्ध संस्कृती के बारे में बात की हैं। अगर आप एक यादगार छुट्टी की तलाश में हैं, तो आपको गोकर्ण जरूर जाना चाहिए। यह आपकेलिए एक आदर्श स्थान हो सकता हैं। 

गोकर्ण घूमने का अपना अनुभव हमे निचे कमेंट में जरूर शेयर करें। 

FAQ

गोकर्ण जाने केलिए सबसे अच्छा महीना कोनसा हैं

आप गोकर्ण किसी भी महीने में जा सकते हो। पर आप बारिश के मौसम के बाद जाते हो तो आपको प्रकृति की सुंदरता देखनी मिलेगी।

गोकर्ण कितने दिन में घूम सकते हैं 

गोकर्ण घूमने केलिए 2-3 दिन बहोत हैं। आपको सारी जग़ह घूमने केलिए इतने दिन तो चाहिए।

गोकर्ण किस राज्य में स्थित हैं 

गोकर्ण कर्नाटक राज्य में स्थित हैं। 

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